गांधीनगर, 7 अगस्त
गुजरात की 53,000 से ज़्यादा आंगनवाड़ी बहनों ने देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों को 3.5 लाख से ज़्यादा राखियाँ हस्तनिर्मित रूप में भेजी हैं। भक्ति और देशभक्ति से ओतप्रोत ये राखियाँ, अपने परिवारों से दूर पहरे पर तैनात वीर जवानों के लिए प्रतीकात्मक सुरक्षा कवच के रूप में भेजी गईं।
गांधीनगर में आयोजित एक औपचारिक कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भारत के सशस्त्र और अर्धसैनिक बलों के प्रतिनिधियों को पवित्र धागों से युक्त प्रतीकात्मक कलश 'रक्षासूत्र कलश' सौंपा। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री भानु बाबरिया भी इस अवसर पर उपस्थित थीं और उन्होंने इस पहल के पीछे की सामूहिक भावना को रेखांकित किया।
2025 तक, गुजरात में लगभग 53,000 आंगनवाड़ी केंद्र होंगे, जो राज्य भर में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल, पोषण और स्कूल-पूर्व शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये केंद्र एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना के अंतर्गत संचालित होते हैं, जो भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों, साथ ही गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य और विकास में सुधार लाना है।
नियमित स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं के अलावा, कई आंगनवाड़ियों को अब पोषण अभियान (राष्ट्रीय पोषण मिशन) के साथ एकीकृत किया गया है, जो प्रौद्योगिकी और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से कुपोषण से निपटने पर केंद्रित है।