मुंबई, 12 नवंबर
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा निवेश सलाहकार क्षेत्र में की गई नियामकीय कार्रवाइयाँ, दीर्घकालिक प्रत्ययी निवेश सलाह देने वाली संस्थाओं के बजाय, सट्टा ट्रेडिंग कॉल्स में काम करने वाली संस्थाओं पर ज़्यादा केंद्रित हैं, यह जानकारी बुधवार को प्रवर्तन आँकड़ों का विश्लेषण करते हुए दी गई।
सेबी (निवेश सलाहकार) विनियम 2013 में लागू होने के बाद से 31 मार्च, 2025 तक के संचयी आँकड़ों से पता चलता है कि पारित किए गए 218 प्रवर्तन आदेशों में से, 67 प्रतिशत या 147 आदेश अपंजीकृत संस्थाओं के विरुद्ध थे, जो सभी ट्रेडिंग कॉल प्रदाता थीं।
एआरआईए द्वारा “सेबी आदेश संकलन और विश्लेषण रिपोर्ट 2024-2025” में संकलित विश्लेषण में पाया गया कि 2013 में सेबी (निवेश सलाहकार) विनियम लागू होने के बाद से कुल 218 प्रवर्तन आदेश जारी किए गए हैं।