रायपुर, 30 अप्रैल
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, एक महिला कैडर सहित छह माओवादियों ने चल रहे "लोन वर्राटू" (घर वापस आओ) अभियान के तहत बुधवार, 30 अप्रैल, 2025 को दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण कर दिया।
उनमें से तीन पर कुल 4 लाख रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पण करने वाले व्यक्तियों की पहचान कडती देवा (34), सुश्री लक्खे कुहराम (30), मिथलेश उर्फ मुड्डा ओयाम (25), पग्नू वेको (37), मसराम राम (27) और भीमसेन ओयाम (30) के रूप में हुई है, जो माओवादी समूहों की विभिन्न क्षेत्रीय समितियों के सक्रिय सदस्य थे।
गोमपाड़ आरपीसी मिलिशिया प्रमुख कड़ती देवा पर 2 लाख रुपये का इनाम था, जबकि भैरमगढ़ एरिया कमेटी पार्टी के सदस्य लक्खे कुहराम और फरसेगढ़ एलओएस सदस्य मिथलेश उर्फ मुड्डा ओयाम पर 1-1 लाख रुपये का इनाम था।
ये लोग सड़क खोदने और बैनर-पोस्टर के माध्यम से नक्सली प्रचार-प्रसार जैसी गतिविधियों में शामिल थे।
छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत शुरू किए गए "लोन वर्राटू" अभियान का उद्देश्य माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में फिर से शामिल करना है।
इस अभियान का गांवों में व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया है, जिससे उच्च पदस्थ माओवादियों को भी आत्मसमर्पण करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। आत्मसमर्पण करने वाले व्यक्तियों को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता के साथ-साथ कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि भूमि और अन्य लाभ दिए जाते हैं, ताकि वे अपना जीवन फिर से शुरू कर सकें।
पुलिस उप महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप (आईपीएस), पुलिस अधीक्षक गौरव राय (आईपीएस) और विभिन्न पुलिस संगठनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के प्रयासों से आत्मसमर्पण संभव हो पाया। आत्मसमर्पण की बढ़ती संख्या माओवादी कार्यकर्ताओं, खासकर युवाओं में बदलाव को दर्शाती है, जो माओवादी विचारधारा से निराश हैं। कई लोग जंगलों में होने वाले शोषण, हिंसा और कठिनाइयों के साथ-साथ माओवादी संगठनों के भीतर आंतरिक संघर्षों से थक चुके हैं। इस असंतोष ने उन्हें आंदोलन छोड़ने और समाज में एक नया रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित किया है। इन छह माओवादियों का आत्मसमर्पण जिला रिजर्व गार्ड, बस्तर फाइटर्स दंतेवाड़ा, आरएफटी (खुफिया शाखा) दंतेवाड़ा और कोंटा और सीआरपीएफ की 111वीं, 195वीं और 230वीं बटालियन के समन्वित प्रयासों से संभव हुआ। उनके सामूहिक प्रयासों ने माओवादियों को हथियार डालने के लिए राजी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। "लोन वर्राटू" अभियान की शुरुआत से लेकर अब तक कुल 967 माओवादी, जिनमें 229 इनामी माओवादी शामिल हैं, आत्मसमर्पण कर चुके हैं और मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं, जो इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।