गुरुग्राम, 6 मई
गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्यामल मिश्रा ने मंगलवार को गुरुग्राम में प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए भूमि अधिग्रहण, मिसिंग लिंक, मुआवजे और सीमांकन से संबंधित मुद्दों के समाधान में तेजी लाने के निर्देश जारी किए।
मिश्रा ने मंगलवार शाम जीएमडीए कार्यालय में 15वीं समन्वय बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश जारी किए।
जीएमडीए द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण और जलापूर्ति, जल निकासी नेटवर्क, सीवर नेटवर्क आदि जैसी मास्टर सेवाओं के बिछाने से संबंधित विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।
किए जा रहे बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों की त्वरित प्रगति सुनिश्चित करने के लिए, जीएमडीए द्वारा संबंधित विभागों के साथ प्राथमिकता के आधार पर जमीनी मुद्दों को हल करने के लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
जीएमडीए के सीईओ ने बताया कि ऐसी परियोजनाओं में आने वाली किसी भी बाधा को जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए, ताकि आम जनता को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि जहां भी बाधाएं दूर हो गई हैं और अधिग्रहण के लिए भूमि उपलब्ध हो गई है, वहां जीएमडीए के संबंधित विभाग स्पष्ट कब्जे वाली भूमि को अपने कब्जे में ले सकते हैं और बिना किसी देरी के लंबित कार्यों को शुरू कर सकते हैं। बैठक में मिश्रा ने यह भी बताया कि मुआवजे और अतिक्रमण के मामलों को सभी संबंधित विभागों द्वारा समयबद्ध तरीके से उठाया जाना चाहिए। उन्होंने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) और नगर निगम मानेसर (एमसीएम) को उनके द्वारा किए जा रहे सभी सीवरेज और जल निकासी से संबंधित परियोजनाओं में तेजी लाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि शहर के विकास के लिए शुरू की जा रही सभी परियोजनाओं की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए विभागों के बीच समन्वय आवश्यक है और जमीनी स्तर पर उत्पन्न होने वाली किसी भी समस्या को समयबद्ध तरीके से हल करने के लिए नियमित बैठकें की जानी चाहिए। बैठक में एचएसवीपी प्रशासक वैशाली राणा, एमसीएम के अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र कुमार, एचएसवीपी संपदा अधिकारी और जीएमडीए के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।