नई दिल्ली, 13 मई
भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को सूचित किया है कि वह चुनिंदा अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव करता है, ताकि अमेरिका द्वारा सुरक्षा शुल्क के रूप में भारतीय स्टील और एल्युमीनियम निर्यात पर लगाए गए शुल्कों का मुकाबला किया जा सके।
डब्ल्यूटीओ संचार के अनुसार, इन अमेरिकी सुरक्षा उपायों से भारतीय उत्पादों के 7.6 बिलियन डॉलर के आयात पर असर पड़ेगा, जिसमें अनुमानित शुल्क संग्रह 1.91 बिलियन डॉलर है।
अप्रैल में, भारत ने टैरिफ लगाने के निर्णय की घोषणा होने पर डब्ल्यूटीओ के सुरक्षा समझौते के तहत अमेरिका से परामर्श का अनुरोध किया था।
डब्ल्यूटीओ में अमेरिका का रुख यह था कि भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर लगाए गए थे और उन्हें सुरक्षा उपाय नहीं माना जाना चाहिए।
भारत ने डब्ल्यूटीओ को अपनी अधिसूचना में स्टील, एल्युमीनियम और संबंधित उत्पादों पर अमेरिकी सुरक्षा उपायों के जवाब में रियायतें और अन्य दायित्वों को निलंबित करने की अपनी मंशा की घोषणा की, जैसा कि 10 फरवरी, 2025 को राष्ट्रपति की घोषणा में उल्लिखित है, ये उपाय 12 मार्च से प्रभावी होने वाले हैं।
भारत के अनुरोध पर 9 मई, 2025 की तारीख वाला डब्ल्यूटीओ संचार प्रसारित किया गया। इसमें उल्लेख किया गया है कि हालांकि अमेरिका ने इन उपायों को डब्ल्यूटीओ को औपचारिक रूप से अधिसूचित नहीं किया है, लेकिन उन्हें प्रभावी रूप से सुरक्षा उपाय माना जाता है।