नई दिल्ली, 19 मई
एसएंडपी ग्लोबल की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और अपने विनिर्माण क्षेत्र को वैश्विक निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाने में उल्लेखनीय प्रगति की है।
हालांकि विनिर्माण मूल्य वर्धित देश के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का मामूली 17.2 प्रतिशत है, लेकिन सरकार ने घरेलू विनिर्माण क्षमता का निर्माण करने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की भूमिका को मजबूत करने के लिए लक्षित नीतिगत हस्तक्षेप लागू किए हैं।
इसलिए, निकट-अवधि के प्रभाव से परे, भारत बढ़ते व्यापार संरक्षणवाद से लाभ उठा सकता है, जो आपूर्ति-श्रृंखला विविधीकरण को उत्प्रेरित कर सकता है, रिपोर्ट के अनुसार।
वैश्विक व्यापार और सहयोग के माहौल के विकसित होने के साथ ही भारत अवसरों को अधिकतम करने के लिए तैयार है। पिछले तीन दशकों में देश का आकार, पैमाने और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव स्पष्ट रूप से बढ़ा है और वित्त वर्ष 2030-31 तक यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
"इंडिया फॉरवर्ड: ट्रांसफॉर्मेटिव पर्सपेक्टिव्स" शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्थाएं उभरती व्यापार गतिशीलता और टैरिफ चुनौतियों के अनुकूल होती जा रही हैं, भारत त्वरित विनिर्माण विकास और अधिक वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला एकीकरण के लिए इस गति का लाभ उठा सकता है।