नई दिल्ली, 4 जून
मजबूत जीडीपी वृद्धि और नीतिगत निरंतरता के कारण, मई में देश में कंपनियों और सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) के पंजीकरण में 37 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।
नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई में साल-दर-साल आधार पर कंपनियों के पंजीकरण में 29 प्रतिशत और एलएलपी में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि मई में विदेशी इकाइयों सहित 20,720 कंपनियां पंजीकृत हुईं, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह संख्या 16,081 थी।
यह लगातार पांचवां महीना था जब कंपनियों के पंजीकरण में वृद्धि हुई है।
मई में करीब 7,487 एलएलपी पंजीकृत हुईं। पिछले साल यह संख्या 5,464 थी।
2024-25 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो गई, जिसके परिणामस्वरूप कृषि, निर्माण और सेवा क्षेत्रों के मजबूत प्रदर्शन के कारण पूरे वित्तीय वर्ष के लिए विकास दर 6.5 प्रतिशत हो गई।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अनुमान लगाया है कि भारत एकमात्र ऐसी अर्थव्यवस्था होगी, जिसकी 2025-26 में 6 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर होने की उम्मीद है, क्योंकि अमेरिकी टैरिफ उथल-पुथल से विश्व व्यापार बाधित होने और वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि धीमी होने की उम्मीद है।