पटना, 5 जून
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विपक्ष के नेता (नेता प्रतिपक्ष) और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 85 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए नया आरक्षण विधेयक पारित करने के लिए बिहार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री कुमार से पिछड़े और हाशिए पर पड़े समुदायों के बीच पर्याप्त प्रतिनिधित्व के मुद्दे का अध्ययन करने के लिए एक सर्वदलीय समिति बनाने का आग्रह किया।
उस रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने सुझाव दिया कि विधानसभा को कुल आरक्षण को बढ़ाकर 85 प्रतिशत करने वाला विधेयक पारित करना चाहिए और संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजना चाहिए - इस प्रकार इसे न्यायिक समीक्षा से बचाया जा सके।
यह मांग पटना उच्च न्यायालय द्वारा महागठबंधन शासन के दौरान पारित 75 प्रतिशत आरक्षण कानून को रद्द करने के फैसले के मद्देनजर की गई है।
अदालत ने कहा कि कानून में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण में वृद्धि को उचित ठहराने के लिए अनुभवजन्य आंकड़ों का अभाव है।
तेजस्वी यादव ने जोर देकर कहा कि पिछली महागठबंधन सरकार में उनके कार्यकाल के दौरान, 2023 में एक जाति-आधारित सर्वेक्षण किया गया था, जिसने 75 प्रतिशत आरक्षण ढांचे की नींव रखी थी - एससी, एसटी, ओबीसी और ईबीसी के लिए 65 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत।