नई दिल्ली, 16 जून
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित भारत की वार्षिक मुद्रास्फीति दर मई में घटकर 0.39 प्रतिशत पर आ गई, जो 14 महीने का निचला स्तर है।
अप्रैल में यह 0.85 प्रतिशत और मार्च में 2.05 प्रतिशत थी। मई के दौरान WPI मुद्रास्फीति में महीने-दर-महीने का बदलाव अप्रैल के पिछले महीने की तुलना में (-) 0.06 प्रतिशत पर नकारात्मक क्षेत्र में रहा, जो मुद्रास्फीति में गिरावट के रुझान को दर्शाता है।
पिछले महीने की तुलना में इस महीने के दौरान खाद्य पदार्थों के साथ-साथ पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन की कीमतों में गिरावट आई, जिसके परिणामस्वरूप समग्र महीने-दर-महीने मुद्रास्फीति दर नकारात्मक हो गई। इस बीच, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित देश की मुद्रास्फीति दर पिछले साल के इसी महीने की तुलना में इस साल मई में घटकर 2.82 प्रतिशत रह गई है।
पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों से पता चला है कि फरवरी 2019 के बाद से यह खुदरा मुद्रास्फीति का सबसे निचला स्तर है। मई के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 0.99 प्रतिशत रह गई, जो अक्टूबर 2021 के बाद से सबसे कम है।
यह लगातार सातवां महीना है जब खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है। रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि आरबीआई ने 2025-26 के लिए अपने मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण को भी 4 प्रतिशत के पहले के पूर्वानुमान से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है।