नई दिल्ली, 17 जून
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने देश में जाति आधारित जनगणना कराने में कथित अनिच्छा और देरी के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय और समावेशी नीति-निर्माण में निहित लंबे समय से चली आ रही मांग से बचने का जानबूझकर किया गया प्रयास बताया है।
मंगलवार को नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पायलट ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जो विपक्ष के नेता भी हैं, ने लगातार व्यापक जाति जनगणना के लिए जोर दिया है और संसद और विभिन्न सार्वजनिक मंचों पर इस मुद्दे को उठाया है।
पायलट ने कहा, "राहुल गांधी ने इसे 'राष्ट्र का एक्स-रे' कहा है - जो हर जाति की सही आबादी, उनके भौगोलिक वितरण और उनकी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थितियों को जानने के लिए आवश्यक है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि विश्वसनीय जाति डेटा के बिना, हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान के उद्देश्य से बनाई गई नीतियां अधूरी रह जाती हैं।
उन्होंने कहा, "केंद्र और राज्यों के पास जाति समूहों पर अद्यतन, विशिष्ट डेटा का अभाव है। जाति जनगणना यह आकलन करने में मदद करती है कि समुदाय सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं या नहीं। इससे पता चलता है कि हम कहाँ सफल हुए हैं और कहाँ असफल हुए हैं।"