श्रीनगर, 20 जून
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ने आरक्षण पर कैबिनेट उपसमिति (सीएससी) की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है, जिसे जांच और टिप्पणियों के लिए विधि विभाग को भेज दिया गया है।
आरक्षण पर सीएससी रिपोर्ट पर चर्चा के लिए बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई। सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) सरकार ने आरक्षण को खुला और योग्यता-अनुकूल बनाने के लिए 'सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षण को युक्तिसंगत बनाने' पर सिफारिशें करने के लिए अपने पांच मंत्रियों वाली एक सीएससी का गठन किया था।
एसटी, एससी, ओबीसी, पिछड़े क्षेत्रों (आरबीए) के निवासियों, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के निवासियों, शारीरिक रूप से विकलांग उम्मीदवारों और क्षैतिज आरक्षण के लिए मौजूदा आरक्षण के अनुसार, ओपन मेरिट उम्मीदवारों को विज्ञापित सरकारी नौकरियों और विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सीटों के केवल 30 प्रतिशत के लिए प्रतिस्पर्धा करनी होगी।
जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति की समीक्षा राजनीतिक और संवैधानिक रूप से एक पेचीदा मुद्दा है। ओपन मेरिट आरक्षण में वृद्धि तब तक नहीं की जा सकती जब तक कि विभिन्न आरक्षित श्रेणियों का कोटा कम नहीं किया जाता। यह एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा है जिसका सामना यूटी सरकार को ओपन मेरिट उम्मीदवारों की मांगों को पूरा करने की कोशिश करते समय करना होगा।