नई दिल्ली, 20 जून
चावल निर्यातकों ने शुक्रवार को कहा कि इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष का भारत के चावल निर्यात पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है, जिससे ईरान को शिपमेंट लगभग रुक गया है।
चावल निर्यातक नरेंद्र मिगलानी ने कहा: "ईरान और इजराइल के बीच युद्ध भारतीय चावल निर्यातकों को प्रभावित कर रहा है।"
उन्होंने कहा, "संघर्ष के कारण ईरान को भेजे जाने वाले चावल का निर्यात रुक गया है और हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से लगभग 1 लाख मीट्रिक टन चावल वर्तमान में बंदरगाहों पर अटका हुआ है।"
मिगलानी ने कहा कि भारत ईरान को सबसे अधिक मात्रा में बासमती चावल निर्यात करता है, उसके बाद सऊदी अरब और इराक का स्थान आता है।
उन्होंने आगे कहा कि संघर्ष के कारण निर्यात चावल की कीमतों में लगभग 1,200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है।
निर्यातक विशेष रूप से ईरान में भुगतान अटके होने और बंदरगाह टर्मिनलों पर चावल के कंटेनरों के फंसे होने को लेकर चिंतित हैं।
चूंकि ईरान को भेजे जाने वाले चावल का बीमा नहीं होता, इसलिए निर्यातकों को अब डर है कि अगर चावल खराब हो गया तो उन्हें भारी नुकसान हो सकता है। दबाव को और बढ़ाते हुए मिगलानी ने बताया कि ईरान के लिए निर्यात परमिट केवल चार महीने के लिए वैध हैं।