चंडीगढ़, 20 जून
सिंधु नदी के पानी पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान कि हम पंजाब को इसका पानी नहीं देंगे, पर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने सवाल उठाया और अब्दुल्ला पर पानी के मसले का जानबूझकर राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
नील गर्ग ने कहा कि नदियों के पानी पर फैसला करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। इसलिए उमर अब्दुल्ला इस मसले पर एकतरफा फैसला नहीं ले सकतें। उन्होंने कहा कि पंजाब को पानी की जरूरत है इसलिए सिंधु नदी का पानी पर पंजाब को भी मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से युद्ध के दौरान भारत सरकार ने सिंधु जल समझौता रद्द करने का फैसला किया था तो अब भारत सरकार को ही बचे हुए पानी का उचित बंटवारा करना चाहिए और पंजाब को उसका बनता हक देना चाहिए।
नील गर्ग ने कहा कि पंजाब जम्मू-कश्मीर की तरह ही सरहदी राज्य है। जब भी जंग होती है, तो यह रणभूमि बनता है। वहीं जब देश को अनाज की जरूरत होती है तो अन्नदाता बन जाता है। अब जब पानी बचा है तो उसपर निश्चित तौर पर पंजाब का हक बनता है।
उन्होंने कहा कि आज पंजाब को पानी की सख्त जरूरत है। हमारे ज्यादातर इलाके डार्क जोन में चले गए हैं। देश के अन्न भंडार को भरने के चक्कर में हम अपने ही पानी से वंचित हो गए हैं। आज जब सिंधु जल संधि रद्द हो गई है, तो इस पानी पर पहला हक हमारा बनता है क्योंकि इस पानी से न सिर्फ हमारी बंजर जमीन को राहत मिलेगी, बल्कि हमारी खेती भी समृद्ध होगी। किसान समृद्ध होगा, फिर देश समृद्ध होगा।
हमारे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी सिंधु समझौता रद्द होने के बाद कहा था पंजाब को भी पाकिस्तान जाने से रोके गए पानी में से एक हिस्सा मिलना चाहिए। इसलिए भारत सरकार को इसपर विचार करना चाहिए।