नई दिल्ली, 21 जून
आयकर (आई-टी) विभाग द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (2025-26) में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (कॉर्पोरेट कर, गैर-कॉर्पोरेट कर, प्रतिभूति लेनदेन कर और अन्य शुल्क) 4.86 प्रतिशत बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपये (19 जून तक) हो गया।
हालांकि, रिफंड में वृद्धि के कारण शुद्ध संग्रह में मामूली गिरावट देखी गई। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में पिछले वर्ष के 4,65,275 करोड़ रुपये से 1.39 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखी गई और यह 4,58,822 करोड़ रुपये रहा।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने 19 जून तक 86,385 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर रिफंड जारी किया है - जो 2024-25 की इसी अवधि की तुलना में 58.04 प्रतिशत की वृद्धि है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में 1.72 लाख करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट कर (रिफंड के बाद शुद्ध), 2.72 लाख करोड़ रुपये का गैर-कॉर्पोरेट कर और 13,013 करोड़ रुपये का प्रतिभूति लेनदेन कर (रिफंड के बाद शुद्ध) शामिल है।
गैर-कॉर्पोरेट कर संग्रह में अग्रिम कर में 2.68 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि कॉर्पोरेट कर में 5.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कुल अग्रिम कर प्राप्तियां 3.87 प्रतिशत बढ़कर 1,55,533 करोड़ रुपये हो गईं।
किसी व्यक्ति की आय या लाभ पर लगाया जाने वाला प्रत्यक्ष कर, व्यक्ति द्वारा सीधे सरकार को भुगतान किया जाता है।