नई दिल्ली, 7 जुलाई
सोमवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-जून अवधि (2025 की दूसरी तिमाही) में भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र को 1.80 बिलियन डॉलर का संस्थागत निवेश प्राप्त हुआ, जिसमें अमेरिका, जापान और हांगकांग के निवेशकों ने विदेशी निवेश में लगभग 89 प्रतिशत का योगदान दिया।
वेस्टियन रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में निवेश दोगुना से अधिक हो गया, जो पिछली तिमाही की तुलना में 122 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि दर्ज करता है।
दूसरी तिमाही में निवेश गतिविधियों में विदेशी निवेश हावी रहा। दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका, जापान और हांगकांग से अधिकांश निवेश, लगभग 69 प्रतिशत, वाणिज्यिक परिसंपत्तियों में केंद्रित थे। आवासीय संपत्तियों को कुल निवेश का केवल 11 प्रतिशत प्राप्त हुआ, जबकि शेष विविध संपत्तियों की ओर मोड़ दिया गया।
सह-निवेश का हिस्सा 8 प्रतिशत से लगभग दोगुना होकर 15 प्रतिशत हो गया, जो मूल्य के संदर्भ में 2 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी निवेशकों द्वारा प्रत्यक्ष निवेश से सह-निवेश की ओर बदलाव उनके सतर्क दृष्टिकोण को रेखांकित करता है, जो भू-राजनीतिक संघर्षों और व्यापक आर्थिक अस्थिरता के कारण अनिश्चित मांग के बीच जोखिम को कम करने की इच्छा से प्रेरित है।