मोहाली, 9 जुलाई
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर एक नई राजनीतिक बहस छेड़ दी है कि वे शासन और प्रशासन के लिए नोबेल पुरस्कार के हकदार हैं, भले ही उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा उनके रास्ते में लगातार "बाधाएँ" डाली हों।
पंजाब के मोहाली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, "जब तक हमारी सरकार दिल्ली में सत्ता में थी, तब तक हमें काम करने की अनुमति नहीं दी गई, फिर भी हमने काम किया। मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मैंने दिल्ली में जितना काम किया है, उसके लिए मुझे शासन और प्रशासन का नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।"
केजरीवाल लंबे समय से दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना पर राष्ट्रीय राजधानी में आप के प्रयासों को पटरी से उतारने के लिए केंद्र सरकार के निर्देशों पर काम करने का आरोप लगाते रहे हैं।
उन्होंने अपने इस आरोप को दोहराया कि भाजपा ने आप द्वारा शुरू की गई पहलों को सक्रिय रूप से विफल करने के लिए नगर निगम का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा, "आपको जानकर हैरानी होगी कि आप ने इतनी मुश्किलों का सामना करते हुए दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बनाए। इन लोगों ने अपने भाजपा शासित नगर निगम में बुलडोजर भेजकर पांच मोहल्ला क्लीनिक तोड़ दिए। उन्हें क्या मिला? नगर निगम ने सभी सरकारी मोहल्ला क्लीनिक तोड़ दिए।"