रायपुर, 15 जुलाई
छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में हिंसा की एक नई लहर के बीच, मंगलवार को पिलुर गाँव के जंगलों में एक 'शिक्षा दूत' (छत्तीसगढ़ में शिक्षा दूत का अर्थ दूरस्थ और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों से है) सहित दो लोगों की हत्या कर दी गई।
पीड़ितों में से एक की पहचान स्थानीय शिक्षाकर्मी विनोद माडे के रूप में हुई है, जिसका सोमवार शाम माओवादियों ने कथित तौर पर अपहरण कर लिया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उसका शव, एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के साथ, फरसगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के पास मिला।
माओवादियों की तलाश में पुलिस बल गाँव पहुँच गए हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस मुखबिरी के संदेह में हत्याएँ की गईं, हालाँकि अधिकारियों की ओर से आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नक्सलियों ने शवों के पास पर्चे छोड़े हैं जिनमें पीड़ितों पर सुरक्षा बलों को सूचना लीक करने का आरोप लगाया गया है।
इस घटना ने उस क्षेत्र में फिर से भय का माहौल पैदा कर दिया है, जो लंबे समय से माओवादी विद्रोह का गढ़ रहा है।
यह ताज़ा हमला पिछले एक पखवाड़े में बीजापुर में हुई इसी तरह की हत्याओं की एक श्रृंखला के बाद हुआ है, जहाँ मुखबिर होने के संदेह में माओवादियों ने दो छात्रों सहित छह लोगों की हत्या कर दी थी।