लखनऊ, 21 जुलाई
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने सोमवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह आज से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र के दौरान पहलगाम नरसंहार के बाद चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के लिए सकारात्मक रुख अपनाए।
X पर एक पोस्ट में, मायावती ने कहा कि देश भर के लोग चिंतित हैं कि यह सत्र पिछले सत्रों की तरह निराशाजनक न हो, जो हंगामे, टकराव और रचनात्मक बहस के अभाव से प्रभावित रहे थे।
उन्होंने कहा, "सरकार और विपक्ष के बीच कटुता के बिना प्रमुख राष्ट्रीय और जनहित के मुद्दों पर उचित चर्चा और परिणाम होने चाहिए।"
मायावती ने अपने पोस्ट में मुद्रास्फीति, गरीबी और बेरोजगारी से लेकर महिला सुरक्षा और बढ़ते सांप्रदायिक और क्षेत्रीय तनाव तक कई ज्वलंत मुद्दों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि देश की शांति और प्रगति के लिए दीर्घकालिक नीतियों को आकार देने के लिए संसद में इन पर सार्थक बहस की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, "आंतरिक और बाह्य सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करने और करोड़ों गरीब व मेहनती बहुजनों की उम्मीदों पर पानी न फिरे, इसके लिए संसद को सुचारू रूप से काम करना चाहिए।"
बसपा प्रमुख ने तेज़ी से बदलते वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह भारत के लोकतंत्र और संप्रभुता के लिए नई चुनौतियाँ पेश कर रहा है।