चंडीगढ़, 21 जुलाई
हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने एक परेशान करने वाली शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को पंचकूला के सेक्टर-9 निवासी 82 वर्षीय अर्जन देव अग्रवाल और उनकी 72 वर्षीय पत्नी विजय अग्रवाल के पक्ष में एक कड़ा निर्देश जारी किया। इन दोनों ने अपने बेटे और बहू पर लगातार मानसिक उत्पीड़न, उपेक्षा और संपत्ति हस्तांतरित करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है।
शिकायत के अनुसार, बुजुर्ग होने और कई सर्जरी की आवश्यकता वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होने के बावजूद, दंपति को अपने बेटे और बहू के साथ एक ही छत के नीचे रहते हुए अलगाव, मौखिक दुर्व्यवहार और मनोवैज्ञानिक आघात का सामना करना पड़ा है।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि उन्हें वृद्धाश्रम में जाने की धमकी दी गई और घरेलू हिंसा के झूठे मामले में भी फंसाया गया।
उन्होंने 18 जनवरी को पंचकूला स्थित वरिष्ठ नागरिक न्यायाधिकरण में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत बेदखली के लिए आवेदन भी दायर किया था, लेकिन अब तक उन्हें कोई राहत नहीं मिली है।
आयोग ने कहा कि अधिनियम की धारा 4 के तहत, वरिष्ठ नागरिक अपने बच्चों से भरण-पोषण का दावा करने के हकदार हैं; धारा 23 के तहत, देखभाल की शर्त पर हस्तांतरित की गई कोई भी संपत्ति, यदि पूरी नहीं की जाती है, तो उसे अमान्य घोषित किया जा सकता है; और धारा 24 के तहत वरिष्ठ नागरिक का परित्याग करना दंडनीय अपराध है।