नई दिल्ली, 23 जुलाई
21 जुलाई को मानसून सत्र की शुरुआत से ही सरकार और विपक्ष के बीच चल रही तीखी तनातनी के बीच, संसद अगले हफ़्ते मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के लिए तैयार है - पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ढाँचे को ध्वस्त करने वाला भारतीय सैन्य हमला। टीवी रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 29 जुलाई को राज्यसभा में होने वाली इस लंबी बहस में हस्तक्षेप करेंगे।
कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) के दौरान, ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तार से चर्चा के लिए दोनों सदनों को क्रमशः 16 और 9 घंटे का समय आवंटित किया जा चुका है।
कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, ट्रंप के युद्धविराम के दावों और बिहार में एसआईआर अभियान सहित कई मुद्दों पर बहस की मांग कर रहा है। कई विपक्षी दलों ने इन मुद्दों पर संसद में कई बार स्थगन प्रस्ताव भी दिए और प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में तत्काल चर्चा कराने की मांग की।
वह पहलगाम में सुरक्षा चूक, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैन्य विमानों को मार गिराए जाने और भारत-पाक संबंधों में अमेरिकी राष्ट्रपति के कथित हस्तक्षेप जैसे मुद्दों को उठाकर केंद्र को असहज करने की उम्मीद कर रहा है। केंद्र ने कहा है कि वह सभी मुद्दों पर बहस के लिए तैयार है और विपक्ष को भी इस मुद्दे पर घेरने की उम्मीद कर रहा है, क्योंकि पाकिस्तान के दुस्साहस का भारत द्वारा कड़ा जवाब देने से उसे बढ़त मिलने की संभावना है।