मांड्या, 25 जुलाई
कर्नाटक के मांड्या ज़िले में साइबर जालसाज़ों द्वारा "डिजिटल रूप से गिरफ्तार" किए जाने के बाद एक बैंक मैनेजर को 56 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
पुलिस ने नौ महीने बाद मामले का खुलासा किया और अपराध के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस के अनुसार, पीड़िता बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यरत एक महिला बैंक मैनेजर है।
साइबर अपराधियों ने खुद को केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) का अधिकारी बताकर वीडियो कॉल के ज़रिए उससे संपर्क किया और उस पर मनी लॉन्ड्रिंग और धमकी भरे कॉल करने का आरोप लगाया।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि वह एक हवाला रैकेट से जुड़ी हुई है और दावा किया कि उनके पास ऐसे रिकॉर्ड हैं जो साबित करते हैं कि उसने दूसरों को धमकी दी थी। जालसाज़ों ने उसे यकीन दिलाया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उसे तुरंत अपने बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करने होंगे। पुलिस के अनुसार, उन्होंने पुष्टि करने और भ्रम दूर करने के बाद शाम तक रकम वापस करने का वादा किया।
उन्होंने वीडियो कॉल के दौरान उसे दूर न जाने की चेतावनी दी। पैसे ट्रांसफर करने के बाद, यह 29 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर हो गए।
धोखाधड़ी का एहसास होने पर, बैंक मैनेजर ने मांड्या के साइबर इकोनॉमिक एंड नारकोटिक्स (सीईएन) पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि पैसे प्राप्त करने वाले खाते फर्जी थे।