नई दिल्ली, 25 जुलाई
पिछले 10 वर्षों में भारतीय रेलवे नेटवर्क में बड़े पैमाने पर हुए सुधार के साथ, देश में 78 प्रतिशत से ज़्यादा रेलवे ट्रैक अब 110 किमी प्रति घंटे और उससे अधिक की गति के लिए उन्नत किए जा चुके हैं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद को बताया।
मंत्री ने कहा कि ट्रैक उन्नयन के उपायों में 60 किलोग्राम की पटरियाँ, चौड़े बेस वाले कंक्रीट स्लीपर, मोटे वेब स्विच, लंबे रेल पैनल, एच बीम स्लीपर, आधुनिक ट्रैक नवीनीकरण और रखरखाव मशीनों का उपयोग शामिल है।
130 किमी प्रति घंटे और उससे अधिक की अधिकतम गति क्षमता के लिए ट्रैक की लंबाई 2014 के 5,036 किमी से चार गुना से अधिक बढ़ाकर 2025 में 23,010 किमी कर दी गई है, जो कुल ट्रैक लंबाई का 21.8 प्रतिशत है। मंत्री ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इससे पहले, यह हाई-स्पीड खंड कुल लंबाई का केवल 6.3 प्रतिशत था।
इसी प्रकार, 110-130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के लिए ट्रैक की लंबाई 2014 में 26,409 किलोमीटर से दोगुनी से भी अधिक बढ़ाकर 2025 में 59,800 किलोमीटर कर दी गई है, जो अब कुल ट्रैक नेटवर्क का 56.6 प्रतिशत है।