नई दिल्ली, 29 जुलाई
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार, 'महाशक्ति' शब्द की दो मुख्य परिभाषाएँ हैं: एक अत्यधिक प्रभावशाली राष्ट्र, और एक सामान्य मनुष्य में असाधारण या अलौकिक क्षमता या कौशल।
क्रिकेट के नज़रिए से, ऋषभ पंत ने मैदान पर पहले ही ऐसे कारनामे कर दिखाए हैं जिनसे कई लोगों को यकीन हो गया है कि उनमें किसी न किसी तरह की महाशक्ति है - अपने गिरते स्वीप शॉट से छक्का मारना, तेज़ गेंदबाज़ों की गेंदों को स्वीप करके बाउंड्री लगाना, लंबे समय से जमे किलों को भेदना, और विकेटकीपिंग करते हुए अपनी खास बातें कहना।
लेकिन एक खास महाशक्ति है, जो बेहद सराहनीय है, और जो पंत को सही मायने में परिभाषित करती है - 'कभी हार न मानने' का रवैया। "चाहिए ही नहीं यार सुपरपावर, ऑलरेडी है - कभी हार न मानने वाला," पंत ने 19 मार्च को लखनऊ सुपर जायंट्स के इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा था।
यह 'कभी हार न मानने वाला' गुण कई मौकों पर उनकी पहचान रहा है—जैसे जब उन्होंने कोहनी की चोट के बावजूद ड्रॉ हुए सिडनी टेस्ट में 97 रन बनाए थे, या गाबा में नाबाद 91 रन बनाकर भारत को 2-1 से रोमांचक सीरीज़ जीत दिलाई थी। यह गुण मार्च 2024 में एक बार फिर चमका, जब उन्होंने एक जानलेवा कार दुर्घटना से बचने के सिर्फ़ 15 महीने बाद प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में शानदार वापसी की।