नई दिल्ली, 29 जुलाई
मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) 2030 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 2 प्रतिशत का योगदान देंगे और 28 लाख रोजगार सृजित करेंगे।
एसीसीए (चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि भारत में जीसीसी बैक-ऑफिस सपोर्ट हब से वैश्विक मूल्य सृजनकर्ता के रूप में विकसित हुए हैं - जो अब वैश्विक निगमों के लिए नवाचार, तकनीकी प्रगति और अनुसंधान एवं विकास का नेतृत्व कर रहे हैं।
ये केंद्र सेवा निर्यात को बढ़ावा देकर और उच्च-गुणवत्ता वाली वित्तीय भूमिकाएँ सृजित करके भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं, और ये वैश्विक परिचालन के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और दुनिया भर की टीमों के साथ मिलकर काम करते हैं।
रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कुशल कार्यबल (विशेषकर तकनीकी क्षेत्र से संबंधित), टियर-2 शहरों में विस्तार, अनुकूल सरकारी नीतियाँ और बेहतर बुनियादी ढाँचा भारत को दुनिया के अग्रणी कार्यालय के रूप में उभरने में मदद कर रहे हैं।
वित्त वर्ष 2024 में, जीसीसी ने लगभग 64.6 बिलियन डॉलर का निर्यात राजस्व अर्जित किया, जो वित्त वर्ष 2023 के 46 बिलियन डॉलर से 40 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक भारत में 20,000 वैश्विक नेतृत्वकारी भूमिकाएँ स्थापित होने का अनुमान है।
एसीसीए के भारत निदेशक, एमडी साजिद खान ने कहा, "हमारे युवा, शिक्षित कार्यबल, राजनीतिक रूप से स्थिर व्यावसायिक वातावरण और डिजिटल परिवर्तन क्षमताओं के कारण भारत जीसीसी के लिए आदर्श वातावरण है।"