चंडीगढ़, 29 जुलाई
हरियाणा की वित्त आयुक्त (राजस्व) सुमिता मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के साथ मिलकर 1 अगस्त को पूर्ण पैमाने पर मॉक ड्रिल 'अभ्यास सुरक्षा चक्र' का आयोजन करेगा।
यह अभ्यास गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद, नूंह और पलवल जिलों में होगा। उन्होंने कहा कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए 1 अगस्त तक चार दिवसीय पहल के तहत चल रहे इस आपदा प्रबंधन अभ्यास का उद्देश्य भूकंप और औद्योगिक रासायनिक खतरों जैसी बड़ी आपदाओं के समय वास्तविक समय की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं का गहन मूल्यांकन और सुदृढ़ीकरण करना है।
इस अभ्यास में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के 18 जिलों के साथ-साथ भारतीय सेना के पश्चिमी कमान मुख्यालय और दिल्ली क्षेत्र मुख्यालय भी भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य अंतर-एजेंसी समन्वय को मज़बूत करना, मौजूदा आपदा प्रबंधन योजनाओं को मान्य करना, और प्रशासन, सशस्त्र बलों, आपातकालीन सेवाओं और सामुदायिक हितधारकों, सभी स्तरों पर घटना प्रतिक्रिया प्रणाली को शामिल करते हुए एक एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से वास्तविक समय की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं का कठोर परीक्षण करना, आपातकालीन सहायता कार्यों को मज़बूत करना और संसाधन अंतराल की पहचान करना है।
मिश्रा ने ज़ोर देकर कहा कि यह पहल "हरियाणा में आपदा लचीलेपन के लिए एक मानक स्थापित करती है और इससे सक्रिय योजना, प्रभावी समन्वय और समावेशी भागीदारी के माध्यम से वास्तविक जीवन की आपात स्थितियों के प्रबंधन की राज्य की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।"
उन्होंने कहा कि ज़िला आपदा प्रबंधन अधिकारियों को आपातकालीन संचालन केंद्रों को सक्रिय करने और मॉक-पूर्व जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश मिले हैं, ताकि स्टेजिंग क्षेत्रों, चिकित्सा सहायता चौकियों, राहत शिविरों और सुरक्षित निकासी मार्गों का स्पष्ट सीमांकन सुनिश्चित किया जा सके।
उन्हें आपदा मित्र, रेड क्रॉस, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस स्वयंसेवकों और गैर सरकारी संगठनों को सक्रिय रूप से शामिल करने और स्थानीय हितधारकों के साथ व्यापक समन्वय करने का भी काम सौंपा गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नागरिकों के लिए सभी जोखिम भरे वास्तविक जीवन के सिमुलेशन से बचा जाएगा, और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अग्निशमन सेवाओं के प्रशिक्षित कर्मी सभी बचाव अभियान चलाएँगे। मिश्रा ने बताया कि अभ्यास के दौरान, सुबह 9 बजे सायरन बजेगा, जिससे अभ्यास शुरू होगा और उसके बाद तत्काल निकासी प्रक्रिया शुरू होगी।