नई दिल्ली, 30 जुलाई
बुधवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में व्यापारियों को डिजिटल भुगतान जून में साल-दर-साल लगभग 19 प्रतिशत बढ़कर 9,10,000 करोड़ रुपये (9.1 ट्रिलियन रुपये) हो गया।
इक्विरस सिक्योरिटीज द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई व्यक्ति-से-व्यापारी (पी2एम) भुगतान सबसे बड़ा प्रेरक रहा, जो साल-दर-साल 22 प्रतिशत बढ़कर 6.8 ट्रिलियन रुपये हो गया, जबकि क्रेडिट कार्ड से होने वाला खर्च साल-दर-साल 15 प्रतिशत बढ़कर 1.8 ट्रिलियन रुपये हो गया।
हालांकि, डेबिट कार्ड से होने वाला खर्च पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत घटकर 35,300 करोड़ रुपये रह गया।
जून में यूपीआई-पी2एम की कुल बाजार हिस्सेदारी 74.5 प्रतिशत थी, जबकि क्रेडिट कार्ड की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट के अनुसार, "लगभग दो-तिहाई UPI-P2M लेनदेन 2,000 रुपये से अधिक मूल्य के थे।"
इसी अवधि के दौरान सक्रिय कार्डों की संख्या 11.12 करोड़ पर स्थिर रही।
2.13 लाख नए कार्डों के साथ HDFC बैंक सबसे आगे रहा, उसके बाद यस बैंक, फेडरल बैंक, SBI कार्ड और IDFC फर्स्ट बैंक का स्थान रहा।
रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अब तक 13.1 लाख कार्ड जोड़े गए हैं। बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से, HDFC बैंक ने क्रमशः 22 प्रतिशत और 27.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ, सक्रिय कार्डों और खर्च दोनों में बढ़त बनाए रखी।