नई दिल्ली, 5 अगस्त
राज्यसभा ने मंगलवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि 13 अगस्त, 2025 से छह महीने के लिए बढ़ाने संबंधी एक वैधानिक प्रस्ताव पारित किया।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्ताव को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों द्वारा लगातार नारेबाजी और व्यवधान के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सत्र की अध्यक्षता की, जिसमें बार-बार व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई।
उन्होंने विपक्षी सांसदों से आग्रह किया, "कृपया अपनी सीट पर जाकर 'नहीं' कहें।" उन्होंने उन्हें याद दिलाया कि यह प्रस्ताव अनुच्छेद 356 के तहत एक संवैधानिक दायित्व है और इसे निर्धारित समय सीमा के भीतर निपटाया जाना चाहिए।
उन्होंने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश की ओर इशारा करते हुए कहा, "हमने सदन में कोई काम नहीं किया है।"
राय ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि मणिपुर में चल रहे प्रशासनिक शून्य के कारण कार्यकाल विस्तार ज़रूरी था। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में हिंसा आरक्षण से संबंधित उच्च न्यायालय के आदेश के कारण हुई थी, न कि धार्मिक संघर्ष के कारण।
राय ने कहा, "जो लोग इसे सांप्रदायिक कहते हैं, वे गलत हैं।" उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति शासन के आठ महीनों के दौरान किसी की मौत की सूचना नहीं मिली है।