नई दिल्ली, 7 अगस्त
भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस से तेल खरीदना जारी रखने पर भारत पर 25 प्रतिशत का दंडात्मक टैरिफ़ लगाने की घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की - इस कदम से भारतीय वस्तुओं पर कुल टैरिफ़ बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा।
भारतीय नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने वाले संप्रभु देशों को "दंडित" करने के वाशिंगटन के अधिकार पर सवाल उठाया और चेतावनी दी कि अगर टैरिफ़ वापस नहीं लिए गए तो जवाबी कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।
ट्रंप भारत पर निशाना साध रहे थे, जबकि चीन और तुर्की जैसे देश रूस से तेल आयात करना जारी रखे हुए हैं।
भारत ने आधिकारिक तौर पर इस कदम को "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और कहा कि उसे उन कार्यों के लिए दंडित किया जा रहा है जो "कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हित में कर रहे हैं।"
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा, "मेरा मानना है कि किसी भी देश द्वारा किसी तीसरे देश के साथ अच्छे संबंध होने के कारण दूसरे देश पर टैरिफ लगाना गलत है। अमेरिका खुद रूस से बड़ी मात्रा में सामान खरीदता रहता है। अमेरिका अन्य देशों को दंडित नहीं कर सकता - उसके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है। मेरा मानना है कि ट्रंप हमारे लोकतांत्रिक राष्ट्र पर लगाए गए सभी टैरिफ वापस लेने के लिए मजबूर होंगे।"