नई दिल्ली, 4 सितंबर
जब से भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की शुरुआत की है, तब से विपक्षी दलों द्वारा इस पर हमला किया जा रहा है।
पहले भी चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ दल के बीच कथित मिलीभगत के आरोप लगे हैं। सत्ताधारी दल के पक्ष में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के दुरुपयोग जैसे षड्यंत्र के आरोप लगे हैं। लेकिन इस बार, यह शायद अब तक की सबसे भीषण लड़ाई है।
शुरुआती सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने एसआईआर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन सुझाव दिया कि चुनाव आयोग मताधिकार से वंचित होने की आशंकाओं को दूर करने के लिए पहचान प्रमाणों की एक विस्तृत श्रृंखला को स्वीकार करे।