चंडीगढ़, 6 नवंबर
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपी एक व्यक्ति को पाँच साल से ज़्यादा हिरासत में रहने के बाद ज़मानत दे दी है। इस मामले की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की गई थी।
उच्च न्यायालय ने पाया कि आरोपी जगविंदर सिंह के खिलाफ कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली। न्यायालय ने यह भी कहा कि वह पाँच साल से ज़्यादा समय से हिरासत में है और मुकदमे का अंत अभी नज़र नहीं आ रहा है।
न्यायमूर्ति दीपक सिब्बल और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की पीठ ने कहा, "अपीलकर्ता पर आरोप यह था कि उसने गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक वीडियो देखा था और अपने चचेरे भाई इंद्रजीत सिंह (मुख्य आरोपी) को अलग खालिस्तान राज्य के गठन का समर्थन करने के लिए उकसाया था और उपायुक्त कार्यालय की सबसे ऊपरी मंज़िल पर खालिस्तान का झंडा फहराने में मदद/उकसाने में मदद की थी।"