चेन्नई, 11 नवंबर
तमिलनाडु के कोयंबटूर के एक शांत इलाके में उस समय दहशत फैल गई, जब 65 साल के एक आदमी और उसकी पत्नी को कथित तौर पर "डिजिटली अरेस्ट" कर लिया गया और डिफेंस मिनिस्ट्री और मुंबई पुलिस के अधिकारी बनकर आए साइबर क्रिमिनल्स ने उन्हें लगभग दो दिनों तक उनके घर में बंद रखा।
कॉल करने वाले ने झूठा आरोप लगाया कि उस आदमी का आधार नंबर आतंकवादी ग्रुप्स से जुड़े बैंक ट्रांजैक्शन से जुड़ा हुआ है और कहा कि मामले की जांच चल रही है।
इस घटना से कोयंबटूर में चिंता फैल गई है, जो साइबर फ्रॉड के बढ़ते खतरे को दिखाता है, जिसमें बुजुर्ग नागरिकों को डर और धोखे से निशाना बनाया जाता है।