नई दिल्ली, 18 नवंबर
मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्याज दरों में कटौती, नियामक उपायों, मजबूत मानसून, सरकारी पूंजीगत व्यय और अतिरिक्त तरलता के कारण वित्त वर्ष 2026 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
इसमें कहा गया है कि खुले बाजार परिचालन और द्वितीयक बाजार में चल रही खरीदारी के माध्यम से विदेशी मुद्रा और बॉन्ड बाजारों के लिए केंद्रीय बैंक का समर्थन आवश्यक है।
बैंक ने चालू खाता घाटा (सीएडी) के नरम बने रहने का अनुमान लगाया है, जो वित्त वर्ष 2026 में जीडीपी के -0.9 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2027 में -1 प्रतिशत के करीब रहेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में सॉवरेन रेटिंग में सुधार, राजकोषीय स्थिति और सार्वजनिक ऋण के स्तर में नरमी के बीच सरकार वित्त वर्ष 2026 के राजकोषीय घाटे के लक्ष्यों को पूरा करेगी।