धर्मशाला, 6 मई (एजेंसी) : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अगर विद्यार्थी स्वतंत्र रूप से और बिना किसी तनाव के सीखते हैं तो उनकी रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को उड़ान मिलती है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है, लेकिन पहले परिवर्तन की गति इतनी तेज नहीं थी। राष्ट्रपति ने कहा, “आज हम चौथी औद्योगिक क्रांति के दौर में हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे नए क्षेत्र तेजी से उभर रहे हैं। परिवर्तन की गति और परिमाण दोनों ही बहुत अधिक हैं, जिसके कारण तकनीक और आवश्यक कौशल बहुत तेजी से बदल रहे हैं। 21वीं सदी की शुरुआत में कोई नहीं जानता था कि अगले 20 या 25 वर्षों में लोगों को किस तरह के कौशल की आवश्यकता होगी।” उन्होंने कहा कि इसी तरह, कई मौजूदा कौशल भविष्य में उपयोगी नहीं रहेंगे। इसलिए, हमें लगातार नए कौशल अपनाने होंगे। हमारा ध्यान लचीला दिमाग विकसित करने पर होना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी तेजी से हो रहे बदलावों के साथ तालमेल बिठा सके। हमें विद्यार्थियों में जिज्ञासा और सीखने की इच्छा को मजबूत करना होगा ताकि वे 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकें। शिक्षकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो विद्यार्थियों को शिक्षित करने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाए और उनके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करे। शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों में अपनी संस्कृति, परंपरा और सभ्यता के बारे में जागरूकता लाना भी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उनका कार्यक्षेत्र केवल पढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके पास राष्ट्र के भविष्य के निर्माण की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि जब विद्यार्थी बिना किसी तनाव के स्वतंत्र रूप से सीखते हैं तो उनकी रचनात्मकता और कल्पनाशीलता उड़ान भरती है। उस स्थिति में वे शिक्षा को केवल आजीविका का पर्याय नहीं मानते। बल्कि वे नवाचार करते हैं, समस्याओं का समाधान ढूंढते हैं और जिज्ञासा के साथ सीखते हैं। छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में अच्छाई और बुराई दोनों की क्षमता होती है। उन्होंने उन्हें सलाह दी कि वे इस बात का ध्यान रखें कि चाहे वे कितने भी मुश्किल हालात में क्यों न हों, उन्हें कभी भी बुराई को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए। उन्हें हमेशा अच्छाई का साथ देना चाहिए।
राष्ट्रपति मुर्मू 4 मई को पांच दिवसीय दौरे पर हिमाचल प्रदेश की राजधानी पहुंचे।
राष्ट्रपति शिमला के बाहरी इलाके चरबरा में राष्ट्रपति निवास में ठहरेंगे।