नई दिल्ली, 7 मई : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आबकारी नीति मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
पिछले सप्ताह शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह आम चुनावों के मद्देनजर सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के सवाल पर मंगलवार को फैसला करेगी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ दोपहर 2 बजे आदेश सुनाएगी।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत ने लंच से पहले एजेंसी के समक्ष कई सवाल रखे।
पीठ ने संघीय जांच एजेंसी से पूछा कि सीएम को चुनावों के लिए अंतरिम जमानत पर क्यों नहीं रिहा किया जा सकता।
अदालत ने यह भी कहा कि यह एक असाधारण स्थिति है और ऐसा नहीं है कि वह आदतन अपराधी हैं।
जांच एजेंसी ने राहत देने का विरोध करते हुए कहा कि इससे गलत मिसाल कायम होगी और राजनेताओं को आम नागरिकों की तुलना में कोई विशेष अधिकार नहीं हैं।
यह याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय के 10 अप्रैल के फैसले को चुनौती देते हुए दायर की गई थी, जिसमें ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था। सीएम केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और तब से वे हिरासत में हैं।
पिछली बार, अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू से कहा था कि वे चुनावों के कारण आप सुप्रीमो की अंतरिम रिहाई के सवाल पर तैयार रहें।
पीठ ने स्पष्ट किया था कि वह केवल दोनों पक्षों को अंतरिम जमानत के सवाल पर तैयार रहने के लिए कह रही थी, क्योंकि मामले में अंतिम सुनवाई लंबी हो सकती है। शीर्ष अदालत ने कहा था, "अगर इसमें (सुनवाई पूरी होने में) समय लगने वाला है, तो ऐसा लगता है कि इसमें समय लग सकता है, हम चुनावों के कारण अंतरिम जमानत के सवाल पर विचार कर सकते हैं।"
इसके अलावा, इसने एएसजी राजू से यह निर्देश लेने को कहा था कि क्या सीएम केजरीवाल को उनके पद के कारण हिरासत में आधिकारिक फाइलों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी जा सकती है।