नई दिल्ली, 6 मई
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जाति जनगणना के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों के साथ जल्द ही संवाद करने का अनुरोध किया है।
खड़गे ने मंगलवार को अपने एक्स हैंडल पर पत्र साझा किया।
5 मई को लिखे पत्र में खड़गे ने जाति जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के विचार के लिए अपने तीन सुझाव रखे हैं।
पहला बिंदु कहता है कि जनगणना प्रश्नावली का डिज़ाइन महत्वपूर्ण है। "केंद्रीय गृह मंत्रालय को तेलंगाना मॉडल का अनुसरण करना चाहिए - प्रश्नावली को अंतिम रूप देने के लिए अपनाई गई पद्धति और पूछे जाने वाले अंतिम प्रश्नों का सेट।"
दूसरा बिंदु कहता है, "जाति जनगणना के परिणाम जो भी हों, यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण पर मनमाने ढंग से लगाई गई 50% की सीमा को संविधान संशोधन के ज़रिए हटाया जाना चाहिए।"
तीसरा बिंदु कहता है, "अनुच्छेद 15(5) को भारत के संविधान में 20 जनवरी 2006 से लागू किया गया था। इसके बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। अंततः, 29 जनवरी 2014 को लंबे विचार-विमर्श के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे बरकरार रखा, जो 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से कुछ ही समय पहले था।"
खड़गे ने कहा कि अनुच्छेद "निजी शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान करता है। इसे लागू किया जाना चाहिए।"