नई दिल्ली, 21 मई
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अप्रैल में भारत की घरेलू एयरलाइन्स द्वारा उड़ाए गए यात्रियों की संख्या 1.43 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई, जो पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 8.45 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जबकि इस महीने के दौरान खराब मौसम के कारण परिचालन प्रभावित हुआ था।
इस वर्ष जनवरी-अप्रैल के दौरान घरेलू एयरलाइन्स द्वारा ले जाए गए यात्रियों की संख्या 575.13 लाख हो गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 523.46 लाख के आंकड़े से 9.87 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
अप्रैल के दौरान उड़ानों में व्यवधान के लिए खराब मौसम एक महत्वपूर्ण कारक था, जिसके कारण यात्रियों द्वारा हवाई टिकटों के रद्दीकरण में 38.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसका सीधा असर 20,840 यात्रियों पर पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप एयरलाइनों को मुआवज़े और सुविधाओं के रूप में 41.69 लाख रुपये खर्च करने पड़े, जो महीने-दर-महीने 117 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
रद्दीकरण के अलावा, देरी ने भी बड़ी संख्या में यात्रियों को प्रभावित किया, अप्रैल में 96,350 लोगों को देरी का सामना करना पड़ा, जो मार्च की तुलना में 68 प्रतिशत की वृद्धि है। इनमें से 70 प्रतिशत यात्री "प्रतिक्रियात्मक" देरी से प्रभावित हुए, मुख्य रूप से पिछली यात्राओं से विमानों के देरी से पहुंचने के कारण।