नई दिल्ली, 27 मई
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वक्फ अधिनियम, 1995 के कई प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया।
शुरुआत में, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने संकेत दिया कि वह 1995 अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को केवल देरी के आधार पर खारिज कर देगी।
“हम देरी के आधार पर इसे खारिज करेंगे। आप 1995 अधिनियम को 2025 में चुनौती दे रहे हैं। 1995 अधिनियम को 2025 में चुनौती क्यों दी जानी चाहिए?” पीठ ने पूछा, जिसमें न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह भी शामिल थे।
जवाब में याचिकाकर्ता के वकील ने पूजा स्थल अधिनियम, 1991 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर शीर्ष अदालत द्वारा 2021 में जारी नोटिस का हवाला दिया। इसके अलावा, उन्होंने तर्क दिया कि याचिका में वक्फ अधिनियम, 1995, जिसमें वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2013 और वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 शामिल हैं, की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाया गया है।
केंद्र की विधि अधिकारी अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अगर मौजूदा याचिका को वक्फ अधिनियम, 1995 को चुनौती देने वाली याचिकाओं के लंबित बैच के साथ जोड़ दिया जाए तो कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए।