Wednesday, September 17, 2025  

ਸਿਹਤ

कोविड-19: राजस्थान में नौ नए मामले सामने आए

May 27, 2025

जयपुर, 27 मई

राजस्थान में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के नौ नए मामले सामने आए, जिनमें एक 16 दिन का शिशु भी शामिल है, जिससे इस साल कुल मामलों की संख्या 32 हो गई है।

नए पाए गए मामलों में से सात जयपुर में सामने आए, जबकि दो की पुष्टि एम्स जोधपुर में हुई।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी मरीजों के नमूने एकत्र कर जीनोम अनुक्रमण के लिए भेज दिए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि एम्स जोधपुर में दो मामले सामने आए और सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल जयपुर में भी इतने ही मामले पॉजिटिव पाए गए।

बी लाल डायग्नोस्टिक लैब, जयपुर में चार मामले पॉजिटिव पाए गए - चार मामले, जबकि एक मामला आणविक डायग्नोस्टिक सेंटर, जयपुर में पॉजिटिव आया। जोधपुर में 16 दिन के एक पुरुष शिशु और 35 वर्षीय एक महिला में भी कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है।

इस साल 1 जनवरी से 27 मई तक कुल कोविड-19 के 32 मामले सामने आए हैं, जबकि एक मौत दर्ज की गई है। जयपुर में कोविड-19 के सबसे ज्यादा मरीज सामने आए हैं, जबकि जोधपुर में छह मरीज सामने आए हैं। उदयपुर में चार, डीडवाना में तीन, अजमेर में दो, सवाई माधोपुर में एक, फलौदी में एक, बीकानेर में एक और एक मरीज सामने आया है। स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और नागरिकों से सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने और लक्षण दिखने पर जांच कराने का आग्रह कर रहे हैं। कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बाद राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खिनवासर ने मंगलवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने निवारक उपायों को मजबूत करने और चिकित्सा तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के अनुसार, मौजूदा कोविड-19 वैरिएंट को घातक नहीं माना जाता है, लेकिन लोगों को सतर्क रहना चाहिए और खांसी, जुकाम या बुखार जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। खिनवसर ने विशेष रूप से बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों और बच्चों सहित कमजोर समूहों के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) के लक्षण होने पर चिकित्सकीय सलाह लेने की सलाह दी।

उन्होंने विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि पूरे राज्य में निदान और उपचार सुविधाएं सुलभ और सक्रिय रहें।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, लेकिन खतरे का स्तर नियंत्रण में है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौर ने पूरे राज्य में ऑक्सीजन प्लांटों की पूरी कार्यक्षमता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे किसी भी बंद पड़े प्लांट की तुरंत मरम्मत करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी सुविधाएं मामलों में संभावित उछाल से निपटने के लिए तैयार हों।

उन्होंने केंद्र सरकार के कोविड-19 दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने के महत्व को भी दोहराया क्योंकि उन्हें समय-समय पर अपडेट किया जाता है।

 

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