नई दिल्ली, 30 मई
भारत दुनिया की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राजधानी के रूप में उभरा है और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) अपने उच्च तकनीक वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लाखों लोगों को व्यापार करने में मदद करने के लिए विशाल डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का उपयोग करने में अग्रणी रहा है, एनएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा है।
चौहान ने जोर देकर कहा कि एनएसई ने 1994 में आईटी बूम के समय प्रौद्योगिकी का बीड़ा उठाया था। बाद में, Y2K युग (वर्ष 2000) के दौरान, एनएसई ने भारत की तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन किया, बड़े अनुबंधों को आकर्षित किया और छोटी कंपनियों के लिए अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन करने का केंद्र बन गया।
श्री अधिकारी ब्रदर्स के एमडी कैलाश अधिकारी के साथ पॉडकास्ट बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "आज, प्रौद्योगिकी हमारा ईंधन है, और भारत दुनिया की आईटी राजधानी है। प्रौद्योगिकी ने दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव और परिवर्तन लाया है।" एनएसई ने 1994 में देश की पहली पूर्ण स्वचालित, स्क्रीन-आधारित ऑर्डर मिलान प्रणाली शुरू की। इस नवाचार ने आईटी क्षेत्र में भारत की उभरती हुई ताकत को रेखांकित किया। आज, एनएसई दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बन गया है।
1994 में, भारत में 10 लाख से भी कम निवेशक थे। आज, यह संख्या बढ़कर 11 करोड़ से अधिक हो गई है।