रायपुर, 30 मई
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के बांदेपारा में शुक्रवार को एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के फटने से तीन ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए।
केंद्र सरकार द्वारा 2026 की शुरुआत तक नक्सलवाद को समाप्त करने के संकल्प के तहत सुरक्षा बलों ने पहले ही बड़े पैमाने पर माओवादी विरोधी अभियान शुरू कर दिया है।
माओवादियों द्वारा लगाए गए विस्फोटक उपकरण ने उन निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया जो अपने दैनिक कार्यस्थल पर जा रहे थे।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित, दंपाया और एर्रागुफा पारा के निवासी थे, बांदेपारा जा रहे थे, तभी वे अनजाने में खतरे वाले क्षेत्र में चले गए, जिससे विस्फोट हो गया।
विस्फोट के कारण गंभीर चोटें आईं, खासकर उनके पैरों और चेहरे पर।
पुलिस ने बताया कि सूचना मिलने पर उप-विभागीय अधिकारी (पुलिस) मयंक रणसिंह ने तुरंत एक एम्बुलेंस को घटनास्थल पर भेजा, ताकि पीड़ितों को आपातकालीन चिकित्सा के लिए तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया जा सके।
घायल ग्रामीणों की पहचान गोटे जोगा, पुत्र समैया मुरिया, उम्र 45 वर्ष, विवेक ढोरी, पुत्र नगैया मुरिया, उम्र 17 वर्ष, तथा बड्डे सुनील, पुत्र मिब्बा मुरिया, उम्र 20 वर्ष के रूप में हुई है, जो सभी एर्रागुफा पारा, दंपाया पुलिस स्टेशन मड्डे के निवासी हैं।
घायलों के परिवारों को सूचित कर दिया गया है, तथा चिकित्सा दल उन्हें स्थिर करने के लिए काम कर रहे हैं। अधिकारी उनकी रिकवरी पर नज़र रख रहे हैं तथा आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं।
सुरक्षा बलों ने आगे की घटनाओं को रोकने तथा स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में अपनी गश्त तेज़ कर दी है।
अधिकारी विस्फोटक उपकरण के स्रोत की जांच कर रहे हैं तथा जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए खुफिया जानकारी जुटा रहे हैं।
संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में आईईडी का उपयोग लगातार खतरा बना हुआ है, जो नागरिकों तथा सुरक्षा कर्मियों के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है।
स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों से सतर्क रहने तथा किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना कानून प्रवर्तन एजेंसियों को देने का आग्रह किया है।
यह घटना उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में चल रही सुरक्षा चुनौतियों को उजागर करती है तथा निवासियों को इस तरह की हिंसक गतिविधियों से बचाने के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। समुदाय में जागरूकता और सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।