नई दिल्ली, 3 जून
नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 2025 के अंत तक रेपो दर में 100 आधार अंकों की कटौती - 6 प्रतिशत से 5 प्रतिशत - किए जाने की उम्मीद है।
अपनी 'एशिया एच2 आउटलुक' रिपोर्ट में, वैश्विक ब्रोकरेज ने सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि (आरबीआई के 6.5 प्रतिशत के अनुमान की तुलना में 6.2 प्रतिशत) और मुद्रास्फीति (आरबीआई के 4 प्रतिशत के लक्ष्य की तुलना में 3.3 प्रतिशत) दोनों के खराब प्रदर्शन का उल्लेख किया।
नोमुरा ने कहा कि यही कारण है कि उसे उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक रेपो दर सहित नीतिगत दरों में और कटौती करेगा।
शुक्रवार को आरबीआई के रेपो रेट के फैसले से पहले, यह जून, अगस्त, अक्टूबर और दिसंबर 2025 में 25 आधार अंकों की दर कटौती की उम्मीद करता है।
नोमुरा को यह भी लगता है कि भारत विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रथाओं पर कायम रहेगा। नोट में कहा गया है, "हमें उम्मीद है कि सरकार राजकोषीय विवेक पर टिकी रहेगी, जबकि मौद्रिक नीति भारी काम करेगी।"
यह उम्मीद करता है कि आरबीआई विदेशी मुद्रा में शीर्ष पर अधिक लचीलापन रखेगा, खासकर जब बात USD/INR की हो। नोमुरा ने कहा, "RBI द्वारा नरम अमेरिकी डॉलर पर भंडार जमा करने की संभावना है, जिससे भारतीय रुपये की मजबूती पर लगाम लगेगी।"
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 4-6 जून को होने वाली है। विश्लेषकों को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक लगातार तीसरी बार 25 आधार अंकों की दर कटौती करेगा क्योंकि मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के औसत लक्ष्य से नीचे बनी हुई है।