मुंबई, 6 जून
आरबीआई ने 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसमें घरेलू आर्थिक गतिविधियों में मजबूती के साथ कृषि क्षेत्र में मजबूती, उद्योग में तेजी और सेवा क्षेत्र में तेजी बरकरार रहने की उम्मीद है।
वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित तिमाही वृद्धि दर इस प्रकार है: पहली तिमाही में 6.5, दूसरी तिमाही में 6.7, तीसरी तिमाही में 6.6 और चौथी तिमाही में 6.3 प्रतिशत। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा, "राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी अनंतिम अनुमानों में 2024-25 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
2025-26 के दौरान अब तक घरेलू आर्थिक गतिविधियों में लचीलापन देखने को मिला है। कृषि क्षेत्र मजबूत बना हुआ है। खरीफ और रबी दोनों ही मौसमों में बहुत अच्छी फसल के साथ, प्रमुख खाद्य फसलों की आपूर्ति आरामदायक है। जलाशय का स्तर स्वस्थ बना हुआ है। पिछले चार वर्षों में गेहूं की सबसे अधिक खरीद से स्टॉक की स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।"
औद्योगिक गतिविधि धीरे-धीरे बढ़ रही है, भले ही सुधार की गति असमान हो। सेवा क्षेत्र में गति बनाए रखने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि मई 2025 में पीएमआई सेवाएं 58.8 पर मजबूत रहीं, जो गतिविधि में मजबूत विस्तार का संकेत है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मांग पक्ष पर, निजी खपत, जो कुल मांग का मुख्य आधार है, विवेकाधीन खर्च में क्रमिक वृद्धि के साथ स्वस्थ बनी हुई है। ग्रामीण मांग स्थिर बनी हुई है, जबकि शहरी मांग में सुधार हो रहा है। उच्च आवृत्ति संकेतकों से पता चलता है कि निवेश गतिविधि पुनर्जीवित हो रही है।