कोलकाता, 6 जून
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को अपनी नाबालिग बेटी से बलात्कार के दोषी एक व्यक्ति को सात साल के कठोर कारावास (आर.आई.) की सजा सुनाई।
अदालत ने दोषी पर 1,00,000 रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया। जुर्माना राशि का भुगतान न करने की स्थिति में, उसकी कारावास अवधि एक और वर्ष के लिए बढ़ा दी जाएगी।
साथ ही, विशेष अदालत के न्यायाधीश ने पश्चिम बंगाल सरकार को पीड़िता को 2,00,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया।
दोषी बबलू शेख है, जिसे 2017 में उसकी पत्नी साजेरा बीवी द्वारा अपनी ही बेटी, जो उस समय 15 वर्ष की थी, के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
साजेरा बीवी ने अपनी शिकायत में कहा कि उसके पति ने उनकी नाबालिग बेटी के साथ एक बार नहीं, बल्कि कई बार बलात्कार किया, जिसके बाद बेटी बीमार हो गई। शिकायत 14 जून, 2017 को दर्ज की गई थी और उसी दिन बबलू शेख को गिरफ्तार कर लिया गया था। अगले कुछ वर्षों तक लंबी सुनवाई चली और 12 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। सरकारी अभियोजकों ने दोषी के लिए आजीवन कारावास की मांग की। हालांकि, शुक्रवार को विशेष अदालत के न्यायाधीश ने उसे सात साल के कारावास की सजा सुनाई।
मामले में सुनवाई के दौरान सजेरा बीवी एक मुकर गई और अपने पति को बचाने के लिए शिकायत दर्ज करते समय पुलिस के सामने दर्ज किए गए बयान को बदलने की भी कोशिश की। हालांकि, पीड़िता अंत तक अपने बयान पर अड़ी रही और अपने पिता पर जघन्य अपराध का आरोप लगाती रही। पिछले कुछ महीनों में पश्चिम बंगाल राज्य के विभिन्न इलाकों में बलात्कार और हत्या के मामलों को लेकर अक्सर राष्ट्रीय सुर्खियों में रहा है, ऐसे कई मामलों में पीड़ित नाबालिग थे। इस मामले में सबसे चर्चित मामला पिछले साल अगस्त में राज्य द्वारा संचालित आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक जूनियर डॉक्टर के साथ अस्पताल परिसर में ही क्रूर बलात्कार और हत्या का था।