चेन्नई, 28 जून
तमिलनाडु सरकार ने 14 उप-जेलों को स्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया है, जिससे नेटवर्क 96 से घटकर 82 हो जाएगा और राज्य भर की व्यस्त जेलों में कर्मियों और संसाधनों को फिर से तैनात किया जाएगा। इस सूची में तिरुवन्नामलाई में चेय्यार उप-जेल भी शामिल है, जो मार्च 2014 से श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों के लिए एक विशेष शिविर के रूप में काम कर रहा है।
2013 और 2020 के बीच अस्थायी बंद होने के बाद 14 में से पांच सुविधाएं पहले से ही निष्क्रिय पड़ी थीं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरज कुमार द्वारा हस्ताक्षरित सरकारी आदेश (जीओ) के अनुसार, यह निर्णय डीजीपी (जेल और सुधार सेवाएं) महेश्वर दयाल की सिफारिश के बाद लिया गया है।
एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने मीडियाकर्मियों से कहा, "यह पूरी तरह से प्रशासनिक कारणों से है।" उन्होंने आगे कहा कि कम इस्तेमाल की जाने वाली जेलों से कर्मचारी और आपूर्ति अब भीड़भाड़ वाली उप-जेलों, जिला जेलों और केंद्रीय जेलों को सुदृढ़ कर सकती है।
प्रत्येक उप-जेल में 13 कर्मचारियों की स्वीकृत संख्या होती है - एक सहायक जेलर, दो मुख्य हेड वार्डर, दो हेड वार्डर, छह ग्रेड II वार्डर, एक रसोइया और एक सफाईकर्मी।
बंद होने के बाद उन पदों को कम कर्मचारियों वाली जेलों में पुनर्निर्देशित किया जाएगा।
चेय्यार के अलावा, बंद होने के लिए चिह्नित जेलें हैं रसीपुरम और परमथी वेलूर (नमक्कल), मनापराई और मुसिरी (तिरुचि), मदुरंतकम (चेंगलपट्टू), और नौ अन्य लंबे समय से निष्क्रिय साइटें।