नई दिल्ली, 2 जुलाई
बुधवार को एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का बढ़ता मध्यम वर्ग और इसकी युवा, यात्रा-प्रेमी आबादी वैश्विक अवकाश यात्रा के भविष्य को आकार देने में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, जैसे-जैसे अधिक भारतीय नए गंतव्यों की खोज कर रहे हैं, देश 2040 तक 15 ट्रिलियन डॉलर के वैश्विक अवकाश यात्रा उद्योग में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उभर रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अवकाश यात्रा पर वार्षिक वैश्विक उपभोक्ता खर्च 2024 में 5 ट्रिलियन डॉलर से 2040 तक तीन गुना बढ़कर 15 ट्रिलियन डॉलर हो जाने की उम्मीद है, जिससे यह फार्मास्यूटिकल्स और फैशन से भी बड़ा उद्योग बन जाएगा।
यह नाटकीय वृद्धि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती आय और भौतिक वस्तुओं की तुलना में अनुभवों के लिए बढ़ती प्राथमिकता से प्रेरित होगी।
भारत की घरेलू अवकाश यात्रा ने महामारी के बाद पहले ही मजबूत रिकवरी दिखाई है, जिसमें 2019 और 2024 के बीच खर्च में मध्यम से मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है।
बीसीजी का अनुमान है कि यह गति जारी रहेगी, तथा घरेलू यात्रा व्यय में प्रतिवर्ष 12 प्रतिशत, क्षेत्रीय व्यय में 8 प्रतिशत तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यय में 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी।