इंफाल, 12 जुलाई
मणिपुर में सुरक्षा बलों ने पिछले 24 घंटों में विभिन्न जिलों में विभिन्न प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों के 12 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है और कुछ हथियार व गोला-बारूद बरामद किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार उग्रवादी कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी), सोशलिस्ट रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक (सोरेपा), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक (पीआरईपीएके) से जुड़े हैं। इन्हें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और काकचिंग जिलों से गिरफ्तार किया गया।
सुरक्षा बलों ने इंफाल पश्चिम जिले से एक पीआरईपीएके कार्यकर्ता (12 उग्रवादियों में से एक) को गिरफ्तार किया और उसकी पहचान चिंगखम संजय सिंह एरेम्बा (42) के रूप में हुई।
उसके पास से एक बटुआ बरामद हुआ जिसमें आधार कार्ड और पैन कार्ड था।
गिरफ्तार उग्रवादी ने म्यांमार में 45 दिनों का बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण लिया था और मणिपुर वापस आने से पहले म्यांमार में प्रतिबंधित भूमिगत संगठन के लिए काम कर रहा था।
सुरक्षा बलों ने काकचिंग ज़िले के वबागई इलाके से एक और सक्रिय PREPAK कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार कार्यकर्ता की पहचान लीशानथेम अथोइबा उर्फ लीशांग (21) के रूप में हुई है, जिसने म्यांमार में सैन्य प्रशिक्षण लिया था।
पुलिस ने बताया कि उसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने केसीपी संगठन के तीन सक्रिय कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया क्योंकि वे मणिपुर घाटी क्षेत्रों में निर्दोष लोगों, दुकानदारों और बैंक कर्मचारियों से जबरन वसूली और धमकी देने में शामिल थे।
मणिपुर पुलिस ने इम्फाल पश्चिम ज़िले के कंगलाटोम्बी बाज़ार से अवैध हथियार और गोला-बारूद रखने के आरोप में वारेपम शांता सिंह (42) नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।
शांता सिंह के पास से एक 9 मिमी पिस्तौल, एक मैगज़ीन, 9 मिमी गोला-बारूद के छह राउंड और एक सिम कार्ड वाला एक मोबाइल फोन बरामद किया गया।
सुरक्षा बलों ने इम्फाल पूर्वी ज़िले से कुछ हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया।
सुरक्षा बल विभिन्न जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान और क्षेत्र नियंत्रण जारी रखे हुए हैं। पुलिस ने लोगों को अफवाहें और फर्जी वीडियो फैलाने से भी आगाह किया है।
उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और फर्जी वीडियो के प्रति सतर्क रहने की अपील की है।
पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि किसी भी वीडियो, ऑडियो क्लिप आदि की सत्यता की पुष्टि केंद्रीय नियंत्रण कक्ष द्वारा की जा सकती है।
पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर कई फर्जी पोस्ट प्रसारित होने की संभावना है।
बयान में कहा गया है, "यह चेतावनी दी जाती है कि सोशल मीडिया पर ऐसी फर्जी पोस्ट अपलोड करने और प्रसारित करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी जिसके गंभीर परिणाम होंगे। इसके अलावा, जनता से अपील की जाती है कि वे लूटे गए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक तुरंत पुलिस या निकटतम सुरक्षा बलों को लौटा दें।"