सियोल, 16 जुलाई
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल ने अपनी गिरफ़्तारी की वैधता की समीक्षा के लिए आवेदन दायर किया है। उनके वकीलों ने बुधवार को बताया कि मार्शल लॉ लागू करने के उनके असफल प्रयास के कारण हिरासत में रखे जाने के एक हफ़्ते बाद, उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
वकीलों ने प्रेस को दिए एक बयान में कहा कि यह याचिका सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दायर की गई थी ताकि यह बताया जा सके कि गिरफ़्तारी मूल रूप से और प्रक्रियात्मक रूप से "अवैध" और "अन्यायपूर्ण" थी।
समाचार एजेंसी के अनुसार, क़ानूनन अदालत को अनुरोध दायर होने के 48 घंटों के भीतर संदिग्ध से पूछताछ करनी होती है और सबूतों का अध्ययन करना होता है, उसके बाद ही यह तय करना होता है कि गिरफ़्तारी वैध थी या नहीं और उसे बरकरार रखा जाना चाहिए या नहीं।
नतीजे के आधार पर, यून को सियोल डिटेंशन सेंटर से रिहा किया जा सकता है, जहाँ उन्हें पिछले गुरुवार से रखा गया है। अदालत ने मार्शल लॉ लागू करने की उनकी कोशिश से जुड़े पाँच प्रमुख आरोपों में उनकी गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया था।
यून ने अपनी पहली गिरफ़्तारी के बाद जनवरी में भी इसी तरह के कदम उठाए थे।
उस समय, उनकी हिरासत को वैध माना गया था, लेकिन बाद में उनकी गिरफ्तारी रद्द करने के अनुरोध को अदालत ने स्वीकार कर लिया और मार्च में उन्हें रिहा कर दिया।