नई दिल्ली, 21 जुलाई
क्रिसिल की सोमवार की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, जिसे घरेलू खपत में सुधार और अन्य सकारात्मक संकेतकों से समर्थन मिलेगा।
क्रिसिल इंटेलिजेंस की निकट-अवधि परिदृश्य रिपोर्ट में अमेरिकी टैरिफ से संबंधित वैश्विक अनिश्चितता को भारत की वृद्धि के लिए सबसे बड़ा जोखिम बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, "हालांकि, सामान्य से बेहतर मानसून, आयकर में राहत और आरबीआई एमपीसी द्वारा ब्याज दरों में कटौती के कारण घरेलू खपत में सुधार से वृद्धि को समर्थन मिलने की उम्मीद है।"
पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत हो गई, जो पिछली तिमाही में 6.4 प्रतिशत थी। कुल मिलाकर, पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही।
खाद्य मुद्रास्फीति के नकारात्मक होने के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति जून में घटकर 2.1 प्रतिशत रह गई, जो 77 महीनों में सबसे कम है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "मुद्रास्फीति के रुझान, सामान्य से बेहतर मानसून की भविष्यवाणी और वैश्विक स्तर पर तेल व कमोडिटी की कीमतों में नरमी की उम्मीद के आधार पर, हमारा अनुमान है कि इस वित्त वर्ष में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन 4 प्रतिशत तक कम हो जाएगी, जो पिछले वित्त वर्ष में 4.6 प्रतिशत थी।"
रिपोर्ट में इस वित्त वर्ष में आरबीआई की रेपो दर में एक और कटौती और उसके बाद एक विराम की उम्मीद है।