नई दिल्ली, 5 अगस्त
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि आयातित दवाओं पर आगामी शुल्क अंततः 250 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं, जो दवा निर्माण को वापस अमेरिका लाने के उनके प्रयासों का एक हिस्सा है।
ट्रंप ने "अगले एक या दो हफ़्ते में" विदेशी सेमीकंडक्टर और चिप्स पर शुल्क लगाने की योजना का भी खुलासा किया, लेकिन कोई और जानकारी नहीं दी।
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति दवा उद्योग पर भारी जुर्माना लगाने की धमकी दे रहे हैं ताकि विनिर्माण को वापस अपने देश में लाया जा सके।
उन्होंने हाल ही में यह भी मांग की है कि प्रमुख दवा आपूर्तिकर्ता लागत में उल्लेखनीय कटौती करें अन्यथा आगे की कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
ये नए शुल्क खतरे भारत के खिलाफ ट्रंप के सख्त व्यापारिक रुख के बाद आए हैं। सोमवार को, उन्होंने कहा कि वह 24 घंटे के भीतर नई दिल्ली पर शुल्क में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगे, पहले घोषित 25 प्रतिशत की दर में संशोधन करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
रूस ने भी ट्रंप की टिप्पणी की आलोचना की है और अमेरिकी दबाव की रणनीति को "अवैध" बताया है। साथ ही, उसने भारत के अपने व्यापारिक साझेदार चुनने के अधिकार का समर्थन किया है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने ज़ोर देकर कहा कि संप्रभु राष्ट्रों को स्वयं तय करना होगा कि वे किसके साथ व्यापार और आर्थिक सहयोग करेंगे।