नई दिल्ली, 6 अगस्त
बुधवार को संसद को बताया गया कि भारत में वर्तमान में 1,700 से ज़्यादा वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) कार्यरत हैं, जिनमें 19 लाख से ज़्यादा लोग कार्यरत हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज़ कंपनीज़ (नैसकॉम) के आंकड़ों का हवाला देते हुए एक लिखित उत्तर में बताया कि पिछले 5 वर्षों में इन GCC द्वारा अर्जित कुल राजस्व वित्त वर्ष 2019 में 40.4 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 9.8 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ 64.6 बिलियन डॉलर हो गया है।
मंत्री ने कहा कि GCC बुनियादी कार्यों के लिए सहायता केंद्रों से बढ़कर अनुसंधान एवं विकास तथा डिज़ाइन केंद्रों के रूप में विकसित हुए हैं। कुल मिलाकर, ये GCC देश में 19 लाख से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देते हैं।
केंद्रीय बजट 2025-2026 में, यह घोषणा की गई थी कि राज्यों को टियर II शहरों में जीसीसी को बढ़ावा देने के लिए निर्देशित करने हेतु एक राष्ट्रीय ढाँचा स्थापित किया जाएगा, जिससे भारत के जीसीसी पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूती मिलेगी।
यह ढाँचा बुनियादी ढाँचे और प्रतिभा की उपलब्धता में सुधार, उपनियमों में सुधार और उद्योग सहयोग तंत्र स्थापित करने के तरीकों के लिए सिफारिशें करेगा।